ईश्वरीय प्रेम (प्रेरक हिंदी कहानी) | Prerak Hindi Kahani
एक गृहस्थ त्यागी, महात्मा थे। एक बार एक सज्जन दो हजार सोने की मोहरें लेकर उनके पास आए और बोले, ”महाराज, मेरे पिताजी आपके मित्र थे, उन्होंने धर्मपूर्वक अर्थोपार्जन किया था। मैं उसी में से …
एक गृहस्थ त्यागी, महात्मा थे। एक बार एक सज्जन दो हजार सोने की मोहरें लेकर उनके पास आए और बोले, ”महाराज, मेरे पिताजी आपके मित्र थे, उन्होंने धर्मपूर्वक अर्थोपार्जन किया था। मैं उसी में से …