ईश्वरीय प्रेम (प्रेरक हिंदी कहानी) | Prerak Hindi Kahani
एक गृहस्थ त्यागी, महात्मा थे। एक बार एक सज्जन दो हजार सोने की मोहरें लेकर उनके पास आए और बोले, ”महाराज, मेरे पिताजी आपके मित्र थे, उन्होंने धर्मपूर्वक अर्थोपार्जन किया था। मैं उसी में से …
एक गृहस्थ त्यागी, महात्मा थे। एक बार एक सज्जन दो हजार सोने की मोहरें लेकर उनके पास आए और बोले, ”महाराज, मेरे पिताजी आपके मित्र थे, उन्होंने धर्मपूर्वक अर्थोपार्जन किया था। मैं उसी में से …
एक सेठ रात्रि के समय सो रहे थे कि उनको एक स्वप्न दिखाई दिया। उन्होंने देखा कि लक्ष्मी उन से कह रही है-“सेठ ! अब तुम्हारा पुण्य समाप्त हो गया है, इसलिए मैं थोड़े दिनों …
एक बार एक राज्य में भगवान् बुद्ध पधारे तो राजा के मंत्री ने कहा, “महाराज, भगवान बुद्ध का स्वागत करने आप स्वयं चलें ।’ यह सुनकर राजा अकड़कर बोला, “मैं क्यों जाऊँ, बुद्ध एक भिक्षु …
बोध कथा : Hindi Moral Story आजमगढ़ के कलक्टर मि० देसाई अपने बँगले में एक कमरे में आराम कुरसी पर लेटे हुए अखबार देख रहे थे। इतवारकी छुट्टीका दिन था और सुबहके आठ बजे थे। …
बोध कथा : Hindi Moral Story उस समय भारत की राजधानी उज्जैनमें थी। राजा वीर विक्रमादित्य उस समय भारत-सम्राट् थे। आपको बालकों से बड़ा प्रेम था। महलके भीतर प्रत्येक कार्य पर बालक ही नियुक्त थे; …