पोषक तत्वों के प्रकार उनके स्रोत और फायदे | Types of Nutrients and Their Sources

Last Updated on July 22, 2019 by admin

पोषक तत्व बनाते है आपके शरीर को निरोगी और मजबूत :

धरती पर बसे सभी जीव जीने के लिए भोजन पर निर्भर हैं। सच तो यह है कि अन्न के बिना इस जीवन की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती। जब से हम माँ के गर्भ में आते हैं, पलते-बढ़ते हैं, जन्म लेते हैं, शिशु से बालक, बालक से किशोर, किशोर से वयस्क बनते हैं, अन्न ही इस देह की रचना करता है, शरीर को हृष्ट-पुष्ट रखता है और नित्यचर्या की विभिन्न गतिविधियों के लिए हमें शक्ति देता है। इसी से यह जीवनयात्रा आगे बढ़ पाती है।
नित्य जीवन में हम अनेक प्रकार के भोज्य पदार्थ ग्रहण करते हैं। उनसे हमें नाना प्रकार के पौष्टिक तत्त्व मिलते हैं, सभी में अलग-अलग पोषक गुण होते हैं। उन्हें सही मात्रा और सही अनुपात में लेने से ही हमारे शरीर की पोषण आवश्यकताएँ पूरी हो पाती हैं। विविध भोज्य पदार्थों को उनकी रासायनिक संरचना, पौष्टिक गुणों और पोषक क्षमता के आधार पर पोषण-विज्ञानियों ने कई प्रकार से वर्गीकृत भी किया है। विविध पोषक तत्त्व रासायनिक संरचना के आधार पर किया गया वर्गीकरण सबसे प्रचलित है। इसके अंतर्गत सभी भोज्य पदार्थों में निम्नलिखित में से एक या अधिक पोषक तत्त्व विद्यमान होते हैं –

पोषक तत्वों के प्रकार :

• प्रोटीन
• विटामिन
• वसा
• खनिज
• कार्बोहाइड्रेट
• जल

( और पढ़ेपोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोग ,लक्षण और उपाय )

प्रोटीन :

पोषक तत्त्वों में प्रोटीन का पहला स्थान है। तंदुरुस्त रहने के लिए इसे समुचित मात्रा में लेना जरूरी है। शरीर में इसके कई दायित्व हैं। यह शरीर में चल रहे निर्माण कार्य के लिए अनिवार्य है। इसकी मदद से ही कोशिकीय स्तर पर ताउम्र अंगों के भीतर मरम्मत होती है। पुरानी कोशिकाएँ जब जर्जर होकर नष्ट हो जाती हैं तो नई कोशिकाएँ उनका स्थान ले लेती हैं। शरीर की रोगबचाव प्रणाली भी हमलावर जीवाणुओं के विरुद्ध प्रोटीन से ही अस्त्र-शस्त्र तैयार करती है। प्रोटीन की सहभागिता से ही शरीर हीमोग्लोबीन, कई एन्जाइम और हार्मोन बनाता है।

प्रोटीन के प्रमुख स्रोत : protein ke srot in hindi

आहार में हमें रोजाना 10-15 प्रतिशत कैलोरी प्रोटीन से लेनी जरूरी हैं। दालें, सोयाबीन, अनाज, मूंगफली, दूध, पनीर खाकर हम यह आवश्यकता पूरी कर सकते हैं। इन सभी भोज्य पदार्थों में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होती है।

वसा :

वसा के शरीर में कई रूप हैं, जैसे ट्राइग्लिसराइड, वसीय अम्ल और कोलेस्टेरॉल। भोज्य पदार्थों में नित्य मिलनेवाली वसा से हम ऊर्जा प्राप्त करते हैं। ऊर्जा भी थोड़ी नहीं,प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से दोगुनी ! प्रति ग्राम प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से मात्र चार, तो वसा से हमें पूरी नौ कैलोरी मिलती हैं। वसा के रहने पर ही हम भोजन से विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन के जज्ब कर पाते हैं। शरीर में यह सभी महत्वपूर्ण अंगों के इर्द-गिर्द इकट्ठी होकर उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है। इसी से हमारे भीतर चुनिंदा हॉर्मोनों की रचना होती है। यह तंत्रिकाओं को इंसुलेशन भी प्रदान करती है और त्वचा के नीचे जमी रहकर हमें ठंड से भी बचाती है।

वसा के प्रमुख स्रोत : vasa ke srot in hindi

आहार में 20-30 प्रतिशत कैलोरी वसा से प्राप्त करना उचित है। यह वसा हमें कई भोज्य पदार्थों से मिलती है। जंतुओं से प्राप्त होने वाले भोज्य पदार्थ जैसे घी, मक्खन, चीज़, वनस्पतियों जैसे सरसों, मूंगफली, करडी, सूरजमुखी, जैतून, सोयाबीन और मकई से बने खाद्य तेल,और मेवे की गिरियाँ वसा के अच्छे स्रोत हैं।
कुछ वसा हमें अन्न से भी प्राप्त होती है। चावल और गेहूँ में तीन-तीन प्रतिशत और बाजरे में साढ़े छह प्रतिशत वसा पाई जाती है।

( और पढ़ेवसा (फैट)के फायदे और नुकसान)

कार्बोहाइड्रेट :

भोजन का सबसे बड़ा अंश कार्बोहाइड्रेट हैं। इनसे शरीर के सभी अंगों को काम करने की शक्ति मिलती है। मस्तिष्क सोचता-विचारता है, दिल की धड़कनें जिंदा रहती हैं, पेशियाँ मुस्तैदी से भाग-दौड़ कर पाती हैं।

कार्बोहाइड्रेट मूलतः शुगर से बने होते हैं। विविध प्रकार की शुगर-जैसे ग्लूकोज़, फ्रक्टोज़, सुक्रोज, माल्टोस और लैक्टोस; शुगर ऐल्कोहॉल-जैसे सॉर्बिटॉल, जाइलीटॉल और मैनीटॉल; तथा स्टार्च-जैसे एमिलोस और एमिलोपेक्टिन, कार्बोहाइड्रेट के ही विविध रूप हैं। फलों में फ्रक्टोज़, दूध और दुग्ध उत्पादों में लैक्टोस, चीनी, शहद, मिठाई, गोलियाँ, टॉफी, चॉकलेट, जैम, केक-पेस्ट्री में सुक्रोज़ और ग्लूकोज़ सभी शुगर रूपी कार्बोहाइड्रेट हैं। इनकी तुलना में स्टार्च में पाए जानेवाले कार्बोहाइड्रेट संयुक्त किस्म के होते हैं। इनके प्रमुख स्रोत अनाज, चावल, दालें तथा आलू और शक्करकंदी जैसे कंद-मूल हैं। सेलूलोज भी एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है। यह वनस्पतियों में पाया जाता है, पर मनुष्य इसे पचा नहीं पाता।

कार्बोहाइड्रेट के प्रमुख स्रोत : carbohydrate ke srot in hindi

आहार में 50-60 प्रतिशत कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त करना स्वास्थ्यप्रद है। ये कैलोरी प्राकृतिक वनस्पतियों जैसे हरी सब्जियों, फलों और दूध से जितनी अधिक मात्रा में प्राप्त की जाएँ उतना ही स्वास्थ्यवर्धक है। इन भोज्य पदार्थों में न सिर्फ कैलोरी बल्कि विटामिन, खनिज, प्राकृतिक रेशा और दूसरे अनिवार्य पोषक तत्व भी समुचित मात्रा में मिलते हैं।

विटामिन और खनिज :

विटामिन और खनिज अनिवार्य पोषक तत्त्व हैं। शरीर इनकी प्रायः अपने से रचना नहीं कर सकता, लेकिन शरीर में इनका समुचित मात्रा में उपलब्ध होना स्वस्थ और निरोगी बने रहने के लिए जरूरी है। विटामिनों और खनिजों से हमें ऊर्जा तो नहीं मिलती, पर शरीर के बहुत से क्रिया-कलाप इनकी मदद से ही संपूर्ण हो पाते हैं। विटामिनों की जरूरत बहुत सूक्ष्म मात्रा में होती है। खनिजों से शरीर के कुल भार का चार प्रतिशत अंश निर्मित होता है। शरीर को कई प्रकार के विटामिनों और खनिजों की आवश्यकता होती है। इनके अलग-अलग स्रोत हैं, और अलग-अलग उपयोगिताएँ। इनकी कमी होने पर अलग-अलग प्रकार की ही समस्याएँ भी उठ खड़ी होती हैं।

( और पढ़ेविटामिन के फायदे और नुकसान )

जल :

शरीर का दो-तिहाई भाग जल से बना हुआ है। शरीर की सभी द्रव रचनाओं जैसे रक्त, लसीका, प्रमस्तिष्क-मेरु तरल और जोड़ों के स्नेह तरल का अधिकांश भाग जल से ही निर्मित होता है। शरीर की ताप-नियंत्रण प्रणाली इसके बिना काम नहीं कर सकती। जल में घुलकर ही अनावश्यक जैवरासायनिक पदार्थ शरीर से छूटकर मूत्र, विष्ठा और पसीने के रूप में निष्कासित होते हैं। शरीर के लिए जल का प्रमुख स्रोत पेय जल है, लेकिन दूसरे द्रव और भोज्य पदार्थों में भी जल बड़ी मात्रा में विद्यमान रहता है। स्वस्थ रहने के लिए शरीर में जल की मात्रा पर्याप्त बनी रहना अनिवार्य है।

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