फूड पॉइजनिंग के कारण, लक्षण और उपचार : Food Poisoning ka Gharelu ilaj

Last Updated on January 30, 2024 by admin

फूड पॉइजनिंग क्या है ? : food poisoning in hindi

कई पदार्थों जो एक दूसरे के विपरित गुण वाले हो उनको एक साथ सेवन करने से खाद्य विषाक्ता रोग अधिक होता है। इस रोग के कारण से पेट में जहरीले तत्व जमा हो जाते हैं जिसके कारण से रोग की अवस्था गम्भीर हो जाती है। सभी भोजन में फूड़ पोइजन के जहर एक समान नहीं होते हैं इसलिए उनका असर भी एक समान नहीं होता है। सभी मनुष्य की पाचन शक्ति भी एक समान नहीं होती है इसलिए कोई मनुष्य तो इसे पचा लेता है और किसी को इसका इंफैक्सन अधिक होता है जिसके कारण से उसकी मृत्यु भी हो जाती है।

फूड पॉइजनिंग के कारण हिंदी में : food poisoning hone ke karan hindi me

  • जानवरों के दूध से बने पदार्थ या दूध को तांबे के बर्तन में रखने से वह जहर बन जाता है और जब ये जहरीले पदार्थ कोई सेवन करता है तो उसे फूड पोइजन हो जाता है।
  • अधिक खट्टे पदार्थों का एक साथ सेवन करने से भी फूड पोइजन हो सकता है।
  • तांबे या ऐल्युमोनियम के बर्त्तन आदि में ऐसा खाना बनाना जो इन पदार्थों से खराब हो जाते हों और फिर इनका सेवन करने से फूड पोइजन हो जाता है।
  • कई बार बाहर के खानों में फूड़-पोइजन की जांच किये बगैर उस खाने को जो कोई खाता है उसे फूड पोइजन रोग हो जाता है।
  • खाना बनाते समय कभी-कभी ऐसा होता है कि खाना पकते समय उसमें कोई जहरीले कीड़ें के चले जाने से खाने में जहरीले तत्व उत्पन्न हो जाता है और इसे खाने से यह रोग हो जाता है। ( और पढ़े – भोजन के जरूरी नियम )

फूड पॉइजनिंग के लक्षण हिंदी में : food poisoning ke lakshan in hindi

  1. खाद्य विषाक्ता रोग से पीड़ित रोगी को कभी-कभी तो ऐसा भी देखा जाता है की भोजन करने के साथ ही साथ मृत्यु हो जाती है।
  2. ऐसे भोजन का सेवन करने से कभी-कभी अधिक उल्टी आती है और शरीर में कमजोरी महसूस होने लगती है।
  3. पतले दस्त भी हो जाते हैं और हैजे की तरह अवस्था उत्पन्न हो जाती है और फिर रोगी की मृत्यु हो जाती है।
  4. किसी किसी रोगी में यह जहर धीरे-धीरे पैदा होकर जीवन शक्ति का अंत कर देता है।
  5. फूड पोइजन युक्त भोजन करने से कई प्रकार के रोग भी उत्पन्न हो सकते हैं- टाइफायड, टी.बी. या पेट में कीड़ें होना आदि।
  6. फूड पोइजन युक्त सभी भोजन का जहर एक समान नहीं होता है किसी का प्रभाव तेज होता है तो किसी का कम। इसलिए खाद्य विषाक्ता रोग से पीड़ित किसी रोगी में कम तो किसी में अधिक लक्षण दिखाई पड़ते हैं ।
  7. तांबे या पीतल के बर्तन में कोई खाने की चीज रखने पर उसमें, तांबे या पीतल के विष या गुण उस पदार्थ में मिल जाते हैं और इन पदार्थों के सेवन करने से उल्टी, पतले दस्त, अकड़न आदि लक्षण रोगी में दिखाई देने लगते हैं।
  8. फूड पोइजन के कारण से पित्तशूल, अजीर्ण, स्नायुविक रोग, पाकाशय में जख्म आदि रोगी भी हो सकते हैं। ( और पढ़े –किस रोग में क्या खाएं )

फूड पॉइजनिंग का घरेलू इलाज : food poisoning ke gharelu upay

1. दही एक एंटी-बायोटिक है, जो फूड प्वाइजनिंग हो जाने पर जरूर लेना चाहिए। इससे ये समस्या जल्द ठीक होती है।

2. एलोवेरा का जूस डाइजेशन में मददगार होता है। जब भी ऐसी परेशानी हो, आधा कप एलोवेरा जूस पी लें।

3. अदरक एक प्रातिक एंटी-बायोटिक है, जो फूड प्वाइजनिंग की समस्या में रामबाण औषधि है। चाहें तो इसकी चाय भी पी सकते हैं या फिर खाने में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

4. नीबू में ऐसे कई एसिड पाए जाते हैं, जो खाने को जल्दी पचा देते हैं। नीबू पेट में पल रहे बैक्टीरिया को मारता है। इसलिए इस समस्या में नीबू पानी पीना भी बहुत लाभदायक होता है।

5. तुलसी पेट की समस्या में सबसे बेहतरीन दवा है। तुलसी से बनी चाय पिएं। तुलसी पत्तों रस कुछ बूंद लें। इससे भी फूड प्वाइजनिंग के कारण होनेवाली समस्या खत्म हो जाएगी।

6. जीरे को फूड प्वाइजनिंग के लिए सबसे बेहतरीन औषधि माना जाता है। जीरा खाने से सूजन कम हो जाती है। एक चम्मच भुना जीरा खाने पर फूड प्वाइजनिंग की समस्या में तुरंत राहत मिलती है।

7. अनार का रस पेट की समस्याओं के लिए सबसे बड़ी औषधि है। इसके अलावा, अनार के पेड़ की छाल भी पेट की कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार होती है।

8. ब्राउन शुगर फूड प्वाइजनिंग के कारण आई कमजोरी दूर करने की एक रामबाण दवा है। फूड प्वाइजनिंग के कारण जब कमजोरी महसूस करें तो एक चम्मच ब्राउन शुगर खा लें। इससे ऊर्जा मिलेगी।

9. फूड प्वाइजनिंग होने पर 1 चम्मच एप्पल साइडर वेनिगर लें। इससे पेट की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाती है।

10. एक छोटा चम्मच मेथी दाना आधा कप पानी में भिगो दें। आधे घंटे के बाद पानी छानकर मेथी को थोड़ा-थोड़ाकर पूरे दिन खाइए। इससे फूड प्वाइजनिंग के कारण होनेवाली समस्याएं दूर हो जाएंगी।

11. ग्रीन टी पीने से भी राहत मिलती है। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर से जहरीले तत्त्वों को बाहर निकालते हैं।

12. केले में पोटेशियम होता है, इसीलिए यह उल्टी और दस्त से राहत दिलाता है। ( और पढ़े – इम्यूनिटी पावर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने के उपाय)

फूड पोइजन होने पर क्या करें और क्या न करें : food poisoning me kya kare aur kya nahi

1. यदि रोगी में फूड पोइजन के लक्षण दिखाई देने लगे तो तुरंत ही उसे चिकित्सक के पास ले जाए और उसका इलाज करवायें।

2. चिकित्सक के आने से पहले रोगी को बिस्तर पर आराम की स्थिति में लिटा देना चाहिए और पेय पदार्थ या सोडा-वाटर पिलाना चाहिए।

3. यदि रोगी एकदम निर्जिव की स्थिति में हो तो उसके शरीर पर गर्म सिंकाई करें तथा त्वचा पर और गुदाद्वार के रास्ते नमक मिले पानी की पिचकारी या डूश दें।

4. यदि यह पता चल जाए कि उसके पाकाशय में जहरीली चीज है तो तुरंत ही उल्टी लाने वाली दवाइयों का प्रयोग करें ताकि उसे उल्टी आ जाए और उल्टी के साथ ही जहरीली पदार्थ बाहर हो जाएं।

5. रोगी को ऐसे पदार्थों का सेवन करने से रोके जिससे उसे एलर्जी होती हो क्योंकि इन पदार्थों के कारण से उसे फूड पोइजन रोग हो सकता है।

6. रोगी का यह रोग जिस विष के कारण से हुआ हो उसकी प्रतिशोधक दवाइयों का सेवन रोगी को काराएं।

7. फूड़ पोइजन रोग से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए होम्योपैथिक के अनुसार कार्बो-ऐनिमेलिस, नक्स-वोमिका, पाइरोजेन, कार्बो-वेज या ऐल्यूमिना औषधि का प्रयोग किया जा सकता है।

अस्वीकरण: इस लेख में उपलब्ध जानकारी का उद्देश्य केवल शैक्षिक है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं ग्रहण किया जाना चाहिए। कृपया किसी भी जड़ी बूटी, हर्बल उत्पाद या उपचार को आजमाने से पहले एक विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।

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