दादी माँ के घरेलू नुस्खे – Dadi Maa ke Gharelu Nuskhe

Last Updated on October 19, 2023 by admin

वनस्पतियों के साथ ग्रामीण जीवन पुरातनकाल से जुड़ा है। ये वनस्पतियाँ मानव-जीवनके लिये प्रकृति द्वारा प्रदत्त अमृत हैं। इसीलिये इन वनस्पतियों के प्रति लोक-जीवन में कृतज्ञ भाव है, देव-भाव है। आज भले ही परिस्थितियाँ प्रतिकूल हैं और देशी दवाइयाँ तिरस्कृत तथा उपेक्षित हैं, पर हमें यह बात भूलनी नहीं चाहिये कि ग्रामीण क्षेत्र में दादी मां के रामबाण घरेलू देशी नुस्खों से इलाज की परम्परा बहुत प्राचीन है। उनमें से कुछ नुस्खे यहाँ प्रस्तुत किये जा रहे हैं

1). खाँसी-

  • खाँसी में करोंदे के पत्ते शहद में मिलाकर खाने से लाभ होता है।
  • पीपल के फल को कूटकर छानकर शहद में खानेसे भी खाँसी दूर हो जाती है।
  • कटेहरी के फूलों के बीचमें एक पीला अङ्ग होता है, उसे खानेसे भी खाँसी दूर हो जाती है।
  • आक की जड़ की छालका चूर्ण शहद में लेनेसे भी खाँसी का उपचार किया जा सकता है।
  • भटकटैया के फूलों और जड़ोंके सेवनसे बच्चों की पुरानी खाँसी अच्छी हो जाती है।
  • खाँसी में काला नमक तथा बहेड़े का चूर्ण मिलाकर लेना भी लाभप्रद होता है।
  • तंबाकू को लकड़ी जलाकर राख कर लें तथा काला नमक मिला दें, फिर अजवाइन या पान के साथ लें, यह भी खाँसी की दवा है।
  • भुनी तथा कच्ची अजवायन बराबर-बराबर पीसकर शामको फंकी मारे, पानी न पिये, खाँसीमें लाभ होगा।( और पढ़े –खांसी दूर करने के घरेलु देसी नुस्खे )

2). बवासीर-

3). वायु-वृद्धि-

  • वायु बढ़ने पर आक के टेमने को गायके मूत्र या शुद्ध देशी घी में मिलाकर खानेसे लाभ होता है।
  • ज्वार के पट्टे का गूदा रोटियों में मिलाकर या लड्डु बनाकर सेवन करनेसे फायदा होता है।

4). मुँह के छाले-

  • मुँहमें छाले होने पर दुग्धी के पत्तों को पानी से धोकर चबाना चाहिये या चमेलीके पत्तों का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करना चाहिये।
  • फिटकरीके टुकड़े को मुँह में रखकर लार टपकाने से भी मुँहके छाले दूर हो जाते हैं।
  • झरबेरी की जड़ गरम – पानी में औटा कर कुल्ला करना भी छालों की दवा है।
  • कोमल अमरूद की पत्ती चबानेसे मुँहके छालों में लाभ होता है, साथ ही चने के सत्तू को पानी में घोलकर पीना चाहिये। ( और पढ़े –मुंह के छाले दूर करने के आयुर्वेदिक असरकारक घरेलु उपाय )

4). पेट-दर्द-

पेटके दर्दमें नाभि में हींग का लेप करनेसे आराम मिलता है या आमकी गुठली को भूनकर नमक के साथ खानेसे भी लाभ होता है।

5). अफारा-

अफारा हो जाय तो हींग-जीरा पीसकर टपर लेप करना चाहिये।

6). नाक में फुंसी-

नाकमें फुंसी निकलने पर तोरई, काशीफल, चमेली का फूल सूंघना चाहिये।

7). जलना-

जलनेसे जब फफोले पड़ जायँ तब मेंहदी के पत्ते पीसकर लगाने चाहिये। ( और पढ़े – आग से जलने पर घरेलु उपचार)

8). कान-दर्द-

कान के दर्द में सुदर्शन के पत्तों का रस गरम करके कान में डाला जाता है।

9). हैजा-

हैजा रोग में पोदीना के पत्तोंको औटाकर उसका अर्क देने से मरीज को लाभ होता है। ( और पढ़े – हैजा (विशूचिका) के कारण लक्षण और इलाज)

10). दाद-

  • गेहूँको जलाकर उसकी राखको शुद्ध सरसों के तेल में मिलाकर दाद पर लगाना चाहिये।
  • सफेद कनेर के पत्तों को तेल में गरम करके लगाया जाय या सेम के पत्तों को दाद पर लगाया जाय तो वह ठीक हो जाती है।
  • दाद पर नीबूका रस बीस दिनतक लगाने से दाद गायब हो जायगी।

11). गांगन-

पीपल की किल्ली अथवा धतूर के पत्तेको तेल या घी से चुपड़कर गांगन या छलहोरी पर बाँधनेसे ठीक हो जाती है।

12). फोड़ा-फुसी-

  • नीमकी किल्ली को गरम तेल में डालकर उसे फोड़े-फुसीपर लगानेसे लाभ होता है। फोड़ेपर नीमकी छाल को भी घिसकर लगाना चाहिये।
  • ककैया के पत्तेको पीसकर लेप करने से या पान बाँधने से भी फोड़ा ठीक हो जाता है।
  • तांबेश्वर के पत्ते को उलटा बाँधने से फोड़ा ठीक हो जाता है तथा सीधा बाँधनेसे पक जाता है।

13). सिरदर्द-

सांट की जड़को घिसकर माथे पर लगाया जाय तो सिरदर्द ठीक हो जाता है।

14). बिच्छू का दंश-

चिरचिटा (अपामार्ग, लटजीरा) की जड़को पीसकर लेप करनेसे बिच्छूका काटा शान्त हो जाता है।

15). अजीर्ण-

अजीर्ण होनेपर पानी पीना चाहिये। क़ब्ज़ की स्थिति में काली मिर्च का सेवन करना चाहिये। अमरूद खानेसे दस्त साफ होता है और भूख बढ़ती है। जुलाब के रूपमें आक के दूधका भी प्रयोग किया जाता है।

16). रजस्राव-

रजोधर्म में कपास के बीजों की फक्की लगाने से अधिक रुधिर आना बंद हो जाता है।

17). पेट में कीड़े-

पेट में कीड़े पड़ जायँ तो करेलेका रस पिलाना चाहिये।

18). ज्वर-

ज्वर में करोंदे की जड़का काढ़ा देने से लाभ होता है।

19). दस्त-

  • इसमें आम तथा जामुनकी गुठली, सोंठ, बेलगिरि तथा कैथका गूदा दिया जाता है।
  • ऐंठा दस्त हो तब अनार की एक कली, तुलसीके पत्ते तथा काली मिर्च ठंडाई की तरह पीसकर देनी चाहिये।

20). चेहरे के मस्से –

चेहरे के मस्सों के लिये काली मिर्च और फिटकरी बराबर-बराबर पीसकर सीक से मस्सों पर लगाये।

21). बच्चों के पसली चलने में –

बच्चों के पसली चलने में सरसोंका तेल गरम करके नमक मिलाकर ठंडा होनेपर पसलीमें मालिश करे।

22). आधा सिरदर्द-

आधा सिरदर्दमें सोंठ पीसकर देशी घीमें भूने तथा कपड़े में बाँधकर सँधे।

23). बालतोड़-

बालतोड़ में दूध को फिटकरी से फाड़कर कपड़े में रखकर बालतोड़ पर बाँधे।

24). पायरिया-

सरसों के तेल में नमक मिलाकर मंजन करनेसे दाँतों में चमक तथा पायरिया में भी लाभ होता है। मुँहकी दुर्गन्ध दूर हो जाती है।

26). बच्चों की खाँसी-

बच्चों की पसली एवं खाँसी में लौंग भून पीसकर शहद से देने पर लाभ होता है।

27). चोट-

कटी चोट पर तत्काल पेशाब कर देने से घाव पकने की सम्भावना समाप्त हो जाती है।

28). दाँत दर्द –

दाँत के दर्द में कपूर का टुकड़ा दबाये, लाभ होगा।

29). नकसीर

नकसीर फूटनेपर बायें छेदसे खून बह रहा हो तो दायीं भुजाको तथा दायेंसे खून बह रहा हो तो बायीं भुजाको कसकर बाँधे, खून बंद हो जायगा। जब भुजा दर्द करने लगे तो बन्धन खोल दे।

30). पैर की बिवाई-

पैर की बिवाई में गरम पानी में नमक मिलाकर पैर धोये तथा सरसों का तेल गरम करके उसमें मोम को गरम करके मलहम बनाकर सोते समय लगावे।

31). जुओं के लिये-

जुओं को समाप्त करने के लिये सर धोनेके बाद अन्तमें नीबूका रस मिले पानीसे सिर धोये, जुएँ सब मर जायँगे।

32). उलटी –

उलटी में प्याज का अर्क दे।

33). जोड़ों के दर्द-

सुबह बासी मुँह लहसुन के प्रयोग से पेट के रोग, दाँत और जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।( और पढ़े –जोड़ों का दर्द दूर करेंने के 17 घरेलु उपाय )

34). मधुमेह-

मेथी के प्रयोगसे मधुमेह में कमी आती है। ( और पढ़े – मधुमेह का घरेलु उपचार)

ये सभी वनस्पति याँ गाँवों में प्रायः सर्वसुलभ हैं।और गाँव के लोगों में ये दादी माँ के घरेलू उपाय आज भी बहुत प्रचलित

दादी माँ के Smart Tips

  • कैसा भी घाव हो या चोट हो, उस पर तुलसी पीसकर लगाने से घाव जल्दी अच्छा हो जाता है।
  • अदरक का रस आधा चम्मच + नींबू का रस आधा चम्मच + थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर प्रतिदिन भोजन के
  • पहले सेवन करें। इससे आहार पाचन अच्छी तरह होता है, मंदाग्नि का नाश होता है और अग्नि प्रदिप्त होती है।
  • सर्वांगासन करना लाभदाई होता है । नियमित करने से ऊँचाई बढ़ने में सहायक होता है।
  • पायरिया में त्रिफलाचर्ण को कपडछान करके सबह-शाम दाँत घसने से दाँतों की सारी समस्याएँ खतम होती हैं।
  • 3/4 कप पालक के रस में एक कप गाजर का रस मिलाकर दिन में दो बार पीने से आँखों की रोशनी बढ़ जाती है।
  • जोड़ों के दर्द में नीम के तेल से हर दिन मालिश करें।
  • नींबू के पत्तों को पीसकर बारीक बनाकर, उसमें बराबर मात्रा में मक्खन मिलाएँ । मोचवाले भाग पर इसे लगाएँ।
  • पैरों में जलन होने पर लौकी को बारीक कदूस करके पैरों पर लगाएँ।
  • काले तिल को मक्खन के साथ खाने से खूनी बवासीर ठीक हो जाता है।
  • मुँह में इन्फेक्शन होने पर सूखा पुदीना पीसकर, टूथ पाउडर की तरह इस्तेमाल करें।
  • नीम के पत्ते थोड़े से पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट मुहाँसे या दागवाले भाग पर लगा लें।
  • त्वचा जलने पर उस जगह कच्चा आलू पीसकर लगाएँ। कच्चा गाजर पीसकर लगाने से भी आराम मिलता है और जलने की जगह पर ठंढा महसूस होता है।
  • 3 से 6 ग्राम ब्राह्मी के पत्तों का चूर्ण भोजन के साथ लेने से आँखों की कमजोरी दूर हो जाती है।

(उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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