मिट्टी तेल के 12 हैरान करदेने वाले फायदे | Mitti Tel ke Fayde

Last Updated on October 27, 2019 by admin

मिट्टी तेल (केरोसिन) के औषधीय प्रयोग / लाभ : mitti tel ke aushadhi prayog / labh

1)  तुरन्त के कटे छिले घाव पर मिट्टी के तैल का फोहा रखने से रक्त का प्रवाह तुरन्त बन्द हो जाता है तथा पीड़ा भी तत्काल शान्त हो जाती है । इसे नित्य बांधने से आघातज व्रण अपने आप भरकर सूख जाते हैं। बशर्ते उस व्रण में मिट्टी तैल के अतिरिवत धूल और पानी न लगने पाये ।  ( और पढ़ें –  बहते खून को रोकने के लिए अपनाएं ये 28 देसी आयुर्वेदिक नुस्खे  )

2)  कटे, छिले या छिदे घाव पर तुरन्त मिट्टी का तैल मलने से पीड़ा में राहत मिलती है।  ( और पढ़ें – चोट लगने का 30 घरेलू इलाज )

3)  बर्र दंश, पिपीलिका दंश, मूषक दंश, कीटदंश की पीड़ा, दाह और खुजली मिट्टी का तेल लगाने से दूर हो जाती है ।  ( और पढ़ें – कीड़े-मकोड़े बिच्छू ततैया काटने के 40 घरेलु उपचार )

4)  एक छोटी (चाय वाली चम्मच) कुछ दिनों तक लालटेन या लैम्प में जलने के पश्चात् बचा हुआ तैल सुबह-शाम कुछ दिन सेवन करने से श्वास रोग (दमा) में आराम होता है ।
नोट-तैल पीने के उपरान्त अडूसे के पत्तों का रस दो चम्मच अवश्य सेवन करलें ।  ( और पढ़ें –अस्थमा–दमा-श्वास के 170 आयुर्वेदिक घरेलु उपचार )

5)  जला हुआ मिट्टी का तैल, नहाने वाला साबून, खाने वाला नमक सभी 1-1 तोला और शुद्ध सरसों का तैल 5 तोला लें । पहले खरल में नमक और साबुन डालकर भली प्रकार पीसें तदुपरान्त सरसों का तैल मिलाकर रखलें । यह तैल मोच, पसलियों का दर्द, अर्कुलनिशा (साईटिका) आदि वात रोगों पर अचूक कार्य करता है ।  ( और पढ़ें –साईटिका के 24 घरेलु उपचार )

6)  मिट्टी का तैल, गन्धक, कपूर तीनों को सममात्रा में लेकर पीसकर मिलाकर दाद को भली प्रकार खुजलाकर प्रतिदिन लगाने से दाद जड़मूल से मिटता है ।  ( और पढ़ें – दाद को जड़ से मिटायेंगे यह 16 घरेलु नुस्खे )mitti tel ke aushadhi prayog labh

7)  गाय के गोबर का रस (गोबर कड़े कपड़े में रखकर निचोड़े) और मिट्टी का तेल 1-1 तोला लेकर मिलालें । दाद, चम्बल को पैसे से खुजलाकर दिन में तीन बार लगायें । कुछ ही दिनों में शर्तिया नष्ट हो जाता है ।

8)  कपूर और गन्धक 1-1 माशा लेकर मिट्टी के तैल में खरल करें । मरहम बनाकर दाद को साफ करके ऊँगली से मलने से दाद नष्ट हो जाता है ।

9)  मिट्टी का तैल दो बूंद बताशे में रखकर नित्य खाने से शीत पित्त ठीक हो जाता है ।

10) मिट्टी का तैल और सेंधानमक मिलाकर रगड़ने से बिच्छू का जहर तुरन्त उतर जाता है और रोता हुआ रोगी खिलखिलाकर हँस पड़ता है। ( और पढ़ें – बिच्छू काटने पर असरकारक प्रयोग )

11)  अग्निदाह और तरल दाह पर मिट्टी का तैल लगायें। इसके सामने बरनौल आयटमेन्ट इत्यादि का प्रयोग भी अति तुच्छ है । ( और पढ़ें – आग से जलने पर 79 घरेलु उपचार )

12)  मिट्टी का तैल 40 ग्राम, पिसा हुआ कपूर 10 ग्राम दोनों को शीशी में डालकर मजबूत कार्क लगाकर आधा घण्टा धूप में रखदें । फिर शीशी को खूब हिलाकर दोनों को मिलालें । शरीर में जहाँ कहीं भी बात का दर्द हो वहाँ इसकी मालिश करके सिंकाई कर दें । दर्द ठीक हो जाएगा ।  ( और पढ़ें – वात नाशक 50  घरेलु उपचार)

नोट-गन्धक, सुहागा, चूना, चीनी और कपूर 1-1 छटांक लेकर 10 सेर मिट्टी के तैल में पीसकर मिलाकर रखदें । कुछ समय पश्चात् दुर्गन्ध बिल्कुल ही समाप्त हो जाएगी । इस प्रकार का तैल कई प्रकार की औषधियों के काम में ले सकते हैं।

(दवा व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार सेवन करें)

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