माँ के दूध को बढ़ाते हैं यह 22 घरेलू उपाय | Maa ka Doodh Badhane ke Liye Upay

Last Updated on July 2, 2021 by admin

नवजात शिशु के लिए माँ का दूध प्रकृति का वरदान :

माँ का अपने बच्चे को दूध पिलाना ममता से भरा और प्रकृति का नियम हैं। माँ का दूध बच्चे के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता हैं। माँ का पहला पीला दूध बच्चे को जानलेवा बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता हैं। और तो और स्तनपान करवाने से माँ और बच्चे में एक भवनात्मक रिश्ता भी बनता हैं। लेकिन कई बार माँ के स्तनों में दूध की कमी हो जाती हैं जिस कारण यह बहुत ही गंभीर स्तिथि बन जाती हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको ऐसे नेचुरल तरीके बताने जा रहे हैं, जो माँ का दूध बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।

माँ का दूध कम बनने के कारण :

प्रसूता स्त्रियों में देखा गया है कि कुछ कमजोर कारणों से पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं उतरता है जिसके कारण शरीर का कमजोर होना, दु:ख और चिंता का सताना तथा कलह का वातावरण होना स्त्रियों के छाती में दूध के कम होने के कारण होते हैं

आइये जाने माँ के दूध(Maa ka Doodh) को बढाने के आयुर्वेदिक घरेलू उपाय| Home Remedies for Increase Breast Milk in Hindi

माँ का दूध बढ़ाने के अनुभूत नुस्खे : maa ka doodh badhane ke nuskhe

पहला प्रयोगः खजूर, खोपरा, दूध, मक्खन, घी, शतावरी, अमृता आदि खाने से अथवा मक्खन मिश्री के साथ चने खाने से अथवा गाय के दूध में चावल पकाकर खाने से अथवा रोज 1-1 तोला सौंफ दो बार खाने से दूध(Maa ka Doodh)बढ़ता है।

दूसरा प्रयोगः अरण्डी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी को ऊपर से स्तनों पर डालें एवं उसमें ही उबले हुए पत्तों को छाती पर बाँधने से सूखा हुआ दूध भी उतरने लगता है।

दूध बंद करने के लिएः कुटज छाल का 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार खाने से दूध आना बंद हो जाता है।

माँ का दूध बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय : maa ka doodh badhane ke upay in hindi

1. विदारीकन्द : विदारीकन्द 100 ग्राम, मुलेठी 100 ग्राम तथा शतावर 100 ग्राम लेकर इसे कूट-पीस और छानकर चूर्ण बना लें। इसका 10 ग्राम चूर्ण और 10 ग्राम पिसी हुई मिश्री एक गिलास दूध में डालकर आधे घंटे तक उबाले इसे थोड़ा ठण्डा करके सोने से पहले घूंट-घूंट कर पीयें। इसे 40 दिन तक अवश्य पीना चाहिए। इस प्रयोग से स्तनों में दूध की बहुत अधिक वृद्धि होती है।

2. जीरा:

  • सफेद जीरा, सौंफ तथा मिश्री तीनों का अलग-अलग चूर्ण बनाकर समान मात्रा में मिलाकर रख लें। इसे एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ दिन में तीन बार देने से प्रसूता स्त्री के दूध में अधिक वृद्धि होती है।
  • लगभग 125 ग्राम जीरा सेंककर 125 ग्राम पिसी हुई मिश्री मिला लें। इसको 1 चम्मच भर रोज सुबह और शाम को सेवन करें। जिन माताओं को शिशुओं के लिए दूध की कमी हो, उनका दूध बढा़ने के यह बहुत ही लाभकारी है।

3. पपीता: यदि महिलाओं के शरीर में खून की कमी के कारण स्तनों में दूध की कमी हो जाए तो डाल का पका हुआ एक पपीता प्रतिदिन खाली पेट खाने लगातार बीस दिनों तक खिलाना चाहिए। इससे स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।

4. अंगूर: अंगूर दुग्धवर्द्धक होता है। प्रसवकाल में यदि उचित मात्रा से अधिक रक्तस्राव हो तो अंगूर के रस का सेवन बहुत अधिक प्रभावशाली होता है। खून की कमी की शिकायत में अंगूर के ताजे रस का सेवन बहुत उपयोगी होता है क्योंकि यह शरीर के रक्त में रक्तकणों की वृद्धि करता है।

5. मुनक्का: 10-12 मुनक्के लेकर दूध में उबालकर प्रसूता स्त्री को प्रसव के बाद दिन में दो बार सेवन कराने से पर्याप्त लाभ मिलता है।

6. गाजर: गाजर का रस और भोजन के साथ कच्चे प्याज का सेवन भी मां का दूध बढ़ाने में सहायक होता है।

7. एरण्ड: मां के स्तनों पर एरण्ड के तेल की मालिश दिन में दो-तीन बार करने से स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध की वृद्धि होती है।

8. प्याज: भोजन के साथ कच्चे प्याज का सेवन अधिक मात्रा में करने से माताओं के स्तनों में दूध में वृद्धि होती है। जब भी माताएं भोजन करें तो कच्चे प्याज का सेवन भोजन के साथ अवश्य करें।

9. मटर: मटर की फली खाने से स्त्रियों के दूध में वृद्धि होती है। मटर की कच्ची फलियां खाएं तथा मटर की सब्जी बनाकर खानी चाहिए।

10. उड़द: उड़द की दाल में घी मिलाकर खाने से स्त्रियों के स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध की वृद्धि होती है।

11. चना: लगभग 50-60 ग्राम काबुली चने रात को दूध में भिगो दें। सुबह के समय दूध को छानकर अलग कर लें। इसके बाद इन चनों को खूब चबा-चबाकर खायें। ऊपर से इसी दूध को गर्म करके पीने से स्त्रियों के दूध में पर्याप्त मात्रा में वृद्धि होती है।

12. मेहन्दी: स्तनों में दूध की कमी को दूर करने के लिए महुए के फूल का रस 4 चम्मच सुबह-शाम कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने से लाभ मिलेगा।

13. मुलहठी: प्रसूता (शिशु को जन्म देने वाली महिला) के स्तनों में दूध नहीं आ पाता हो, तो मुलहठी बहुत ही गुणकारी है। गर्म दूध के साथ जीरा और मुलहठी का पाउडर बराबर मात्रा 1-1 चम्मच मिलाकर सुबह-शाम दूध से फंकी लेने से लाभ होता है।

14. केसर: पानी में केसर को घिसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।

15. सेहुण्ड:

  • दूध के साथ शतावरी दस ग्राम चूर्ण की फंकी देने से स्त्री का दूध बढ़ता है।
  • शतावरी को गाय के दूध में पीसकर सेवन करने से स्त्री का दूध मीठा और पौष्टिक भी हो जाता है।

16. शतावर: शतावर की जड़ का चूर्ण समभाग (बराबर) मात्रा में मिश्री मिलाकर पीस लें। 1 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार एक कप दूध के साथ पिलाते रहने से न केवल मां के दूध में बढ़ोतरी होगी, बल्कि मासिकस्राव के पश्चात आई कमजोरी भी दूर होगी।

17. शहतूत: शहतूत प्रतिदिन खाने से दूध पिलाने वाली माताओं का दूध बढ़ता है। प्रोटीन और ग्लूकोज शहतूत में अच्छी मात्रा में मिलते हैं।

18. सोयाबीन: दूध पिलाने वाली स्त्री यदि सोया दूध (सोयाबीन का दूध) पीये तो शिशु को पिलाने के लिए दूध बढ़ जाती है।

19. अरबी:

  • अरबी की सब्जी खाने से दुग्धपान कराने वाली स्त्रियों का दूध बढ़ता है।
  • जच्चा महिलाएं अरबी की सब्जी खायें तो बच्चे को पिलाने के लिए दूध बढ़ जायेगा।

20 अरनी: छोटी अरनी का शाक बनाकर प्रसूता महिलाओं को खिलाने से उनके स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।

सावधानी: दूध पिलाने वाली स्त्री को भूखा रहना, व्रत रहना उचित नहीं होता है। आहार में गेहूं, जौ, चावल, दूध, दलिया, तिल, लहसुन, मौसमी फल आदि का सेवन करने से स्तनों में दूध पर्याप्त मात्रा में होता है।

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