आँखों में जलन के कारण लक्षण और इलाज | Aakho me Jalan ka ilaj

Last Updated on July 22, 2019 by admin

आंखों में जलन क्यों होती है : ankho me jalan ke karan

इस रोग से प्रायः सभी परिचित हैं। इस रोग में आँखें लाल हो जाती हैं, सूज जाती हैं, उनमें सख्त दर्द होता है, पानी बहता रहता है जो बाद में गाढे स्राव के रूप में बदल जाता है । रोगी धूप या प्रकाश बर्दाश्त नहीं कर पाता है ।

आंखों में जलन के कई कारण हो सकते है जैसे प्रदूषण युक्त वातावरण , बहुत अधिक वक्त कंप्यूटर मॉनिटर के सामने बिताना, कम नींद लेना, क्रोध , शरीर में जलीय अंश की कमी व पित्त का बढ़ जाना , अधिक मात्र में दवाइयों का सेवन करना या फिर लंबे समय तक मोबाइल में देखते रहने से आंखों में जलन, दर्द और आँखों से पानी गिरने जैसी परेशानी हो जाती है|

आँखों में जलन का इलाज : ankho me jalan ke upay

1- मैला-कुचैला हाथ या कपड़ा आँख पर कदापि न लगायें । आँखों से पानी बहने पर 15 ग्राम पिसी हल्दी 250 मि.ली. पानी में घोलकर उसमें कोई मलमल का साफ सफेद कपड़ा रंगकर उससे बार-बार आँखों को पोंछना तथा दबाते रहना लाभप्रद है।

2- त्रिफला (हरड़ा, बहेड़ा, आँवला समभाग) का चूर्ण 3 ग्राम को 25 मि.ली. पानी में भिगोकर रातभर पड़ा रहने दें। प्रात:काल इस निथरे हुए पानी से साफ कपड़े की गद्दी तर करके आँखों पर रखने और इस पानी से आँखें धोने से जलन ,दर्द, पानी बहना, लाली और आँखें चिपक जाने को आराम आ जाता है।

3-डाक्टरों वाली रुई का पैड बनाकर दूध में भिगोकर रात को सोते समय आँखों पर रखकर नरमी से पट्टी बांध देने से जलन ,शोथ(सूजन) और दर्द को आराम आ जाता है।

4- कब्ज होने पर हरड़ का मुरब्बा अथवा कोई अन्य हानिरहित कब्जनाशक औषधि सेवन कर कब्ज को अवश्य दूर करें ।

5- सूर्योदय से पूर्व आँखों में बरगद (बड़) का दूध डालें । तुरन्त आँखों का दर्द व जलन मिट जाता है । एक पत्ता तोड़कर 2-3 बूंद प्राप्त किया जा सकता है।

6- रीठे के छिलके को पानी में चन्दन की भाँति घिसकर रात को सोते समय सलाई से लगाने से आँख का फूला कट जाता है ।

7- फिटकरी 5 ग्राम, अर्क गुलाब 200 ग्राम लें। फिटकरी को बारीक पीसकर गुलाब जल से मिला लें । उसकी 2-3 बूंद दिन में कई बार आँखों में डालने से आँखों की जलन और दुखना सही हो जाता हैं।

8- माजूफल और छोटी हरड़ दोनों को पानी में घिसकर नेत्रों में लगाने से नेत्रों की खुजली दूर हो जाती है ।

9- बढ़िया मिश्री 100 ग्राम, नीलाथोथा 4 ग्रेन लें । मिश्री को खूब बारीक पीसकर फिर इसमें नीलाथोथा डालकर घुटाई करें। जब सुरमा बन जाये, तब कपड़छन कर शीशी में सुरक्षित रखलें । इस सुरमें की 3-3 सलाई सुबह-शाम आँख में लगाने से आँख से बहते हुए पानी की धारा रुक जाती है। यह प्रयोग इतना चमत्कारिक है कि इसको लगाकर कोई मनुष्य किसी प्रियजन की मृत्यु पर रोना भी चाहे, तब भी उसके आंसू नहीं नहीं निकलेंगे ।

10- यदि आँखों में दर्द, खुजली, जाला हो अथवा मोतियाबिन्दु उतरना प्रारम्भ हो गया हो तो प्रतिदिन प्रात:काल गाय का ताजा मूत्र 2-3 बूंद आँखों में डालें। मोतियबिन्दु बिना आप्रेशन के कट जाता है ! चमत्कारिक योग है।

11- नौसादर को पीसकर कपड़छन कर लें । उसे प्रतिदिन आँखों में लगाने से आँख का फूला कट जाता है

12- सफेद साठी (पुनर्नवा) की जड़ को पानी में घिसकर नेत्रों में लगाने से नेत्र का जाला कट जाता है जलन और आँख दुखना सही हो जाती हैं।

13- समुद्रफेन और सोनामुखी को दोनों को समभाग लें । कूटपीस व कपड़छन सुरमें की भांति आँखों में लगाने से आँख का फूला कट जाता है ।

आंखों में जलन की दवा : ankho me jalan ki dawa

अच्युताय हरिओम फार्मा द्वारा निर्मित “संत कृपा नेत्र बिंदु ” का प्रयोग आंखों की लाली ,जलन व आँखों के दर्द को दूर करता है |

प्राप्ति-स्थान : सभी संत श्री आशारामजी आश्रमों( Sant Shri Asaram Bapu Ji Ashram ) व श्री योग वेदांत सेवा समितियों के सेवाकेंद्र से इसे प्राप्त किया जा सकता है |

नोट :- आँखे हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है इसलिए कोई भी उपाय और दवा प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरुर ले और उपचार का तरीका विस्तार में जाने।

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