ब्राह्मी घृत के फायदे और नुकसान : Brahmi Ghrita Benefits and Side Effects in Hindi

Last Updated on July 18, 2022 by admin

ब्राह्मी घृत क्या है ? brahmi ghrita in hindi

आजकल की आपाधापी और अनेक प्रपंचों में भरी ज़िन्दगी जीने वालों को स्नायविक संस्थान और मस्तिष्क कमज़ोर हो जाता है, उनकी स्मरण शक्ति कमज़ोर हो जाती है, वे जल्दी ही थक जाते हैं और विशेष कर दिमाग़ी थकावट का अनुभव करते हैं। ऐसे स्त्री-पुरुषों, विद्यार्थियों और दिमाग़ी काम करने वालों के लिए एक उत्तम योग है ब्राह्मी घृत । इसका परिचय प्रस्तुत है।

ब्राह्मी घृत के घटक द्रव्य : brahmi ghrita ingredients in hindi

  1. ब्राह्मी का रस – एक लिटर,
  2. गो घृत – 500 ग्राम ,
  3. बच – 30 ग्राम ।
  4. कूठ – 30 ग्राम।
  5. शंखपुष्पी – 30 ग्राम।

ब्राह्मी घृत बनाने की विधि : brahmi ghrita banane ki vidhi

ब्राह्मी को जड़ व पत्तों सहित पानी से धोकर और कूट कर रसनिकाल लें । बच, कूठ और शंखपुष्पी को पानी के साथ पीस कर लुग्दी बना लें और ब्राह्मी के रस में डाल कर घी भी डाल दें। इसे मन्दी आंच पर रख कर तब तक पकाएं जब तक सिर्फ घी ही न बचे। जब सिर्फ घी बचे तब उतार लें और ठण्डा करके चौड़े मुंह की बर्नी में भर लें।

सेवन की मात्रा :

इसे सुबह शाम 5 से 10 ग्राम (एक या दो चम्मच) मात्रा में थोड़ी सी मिश्री मिला कर चाट लें और ऊपर से मीठा दूध पिएं। यह घृत छोटे बच्चों के लिए भी आधी मात्रा में सेवन कराने योग्य है। आइये जाने brahmi ghrita ke labh in hindi

ब्राह्मी घृत के फायदे और उपयोग : brahmi ghrita ke fayde in hindi

1. मधुर कंठ – आयुर्वेद में इसका गुण-वर्णन करते हुए लिखा है किइस घृत का केवल 1 सप्ताह मात्र सेवन करने से स्वर किन्नरों के समान मधुर और सुरीला हो जाता है। 2 सप्ताह तक सेवन करने से मुख कान्तिमान हो जाता है। यदि नियमपूर्वक 1 माह तक इसका सेवन किया जाय, तो मनुष्य की स्मरण शक्ति बहुत बढ़ जाती है।

2. स्मरण शक्ति – बुद्धि की निर्बलता, मनोदोष, स्मरण-शक्ति (याददाश्त) की कमी, स्वरभंग (गला बैठ जाना), दिमाग की कमजोरी में यह यह घृत बहुत उपयोगी है। यह घृत दिमागी काम करने वालों छात्र-छात्राओं और कमज़ोर स्मरण शक्ति वालों के लिए बहुत गुणकारी है। ( और पढ़े – दिमाग तेज करने के 15 सबसे शक्तिशाली उपाय)

3. पागलपन – इसके सेवन से अपस्मार, उन्माद रोग दूर होते हैं।

4. हकलाना – बोलने की कमजोरी अर्थात् साफ-साफ न बोलना अथवा कमजोरी से मिनमिना कर बोलना, देर से हकलाकर या जल्दी-जल्दी बोलना आदि रोग इसके सेवन से दूर होते है । इसके सेवन से वाणी ठीक होती है और आवाज़ मधुर होती है। ( और पढ़े –तुतलाना या हकलाना दूर करने वाले सबसे कामयाब 32 आयुर्वेदिक घरेलु नुस्खे )

उपलब्धता : यह घृत बना बनाया आयुर्वेदिक औषधि विक्रेता के यहां मिलता है।

ब्राह्मी घृत के नुकसान : brahmi ghrita side effects in hindi

कमज़ोर पाचन शक्ति, निर्बल यकृत और कठोर मलावरोध से ग्रस्त होने पर इस घृत का सेवन नहीं करना चाहिए।

(अस्वीकरण : दवा, उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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