बोलबद्ध रस के फायदे गुण और उपयोग | Bolbaddha Ras Benefits in Hindi

Last Updated on July 22, 2019 by admin

बोलबद्ध रस क्या है ? Bolbaddha Ras in Hindi

बोलबद्ध रस एक आयुर्वेदिक दवा है। शरीर से होने वाले रक्त स्राव को रोकने और रक्त स्राव करने वाले शारीरिक कारणों का शमन करने के लिए बोलबद्ध रस’ एक उत्तम औषधि है। यह स्त्रियों में प्रदर रोग के अलावा अन्य कई रोगों में लाभ करता है।
रक्तप्रदर, रक्तार्श (खूनी बवासीर), रक्त पित्त, वात रक्त आदि व्याधियों के कारण योनि, गुदा, मुंह, नाक आदि किसी अंग से होने वाले रक्तस्राव का कारण सहित उन्मूलन करने के लिए ‘बोलबद्ध रस का सेवन लाभप्रद रहता है। ‘रसतन्त्र सार एवं सिद्ध प्रयोग संग्रह’ नामक ग्रन्थ में इस योग की बहुत प्रशंसा की गई है।

बोलबद्ध रस के गुण : Bolbaddha Ras ke Gun

यह रसायन अम्लपित्त, रक्तप्रदर, रक्तपित्त, खूनी बवासीर रक्तप्रमेह, वातरक्त, विद्रधि, भगन्दर तथा पित्तजनित विकारों में फायदेमन्द है। नाक-मुंह-गुदा और योनि-मार्ग आदि किसी भी भाग से गिरता हुआ रक्त इसके प्रयोग से बन्द हो जाता है।

बोलबद्ध रस के मुख्य घटक : Bolbaddha Ras Ingredients

✶शुद्ध पारा
✶शुद्ध गन्धक
✶ गिलोय सत्व
✶हीरा बोल
✶सेमल की छाल

बोलबद्ध रस बनाने की विधि : Bolbaddha Ras Bnane ki Vidhi

शुद्ध पारा, शुद्ध गन्धक, गिलोय सत्व- तीनों 1-1 भाग और बीजाबोल (हीरा दोखी गोंद या हीरा बोल) 3 भाग मिला, सेमल की छाल के क्वाथ में तीन दिन तक खरल कर 2-2 रत्ती की गोलियां बना लें। यह ‘बोलबद्ध रस’ का नुस्खा निघण्टु रत्नाकर नामक ग्रन्थ का है।

मात्रा और अनुपान : Dosage & How to Take in Hindi

इसकी 2 या 3 गोली मक्खन मिश्री या शहद में मिला कर चाट लेना चाहिए।
एक दिन में सुबह एक खुराक लेकर शाम तक इसका प्रभाव देखना चाहिए। आवश्यकता पड़े तो दूसरी खुराक शाम को ले लेना चाहिए। रक्तस्राव बन्द होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

बोलबद्ध रस के फायदे और उपयोग : Bolbaddha Ras Benefits in Hindi

Bolbaddha Ras ke Fayde in Hindi
1-रक्तप्रदर में नियत समय से अत्याधिक दिन तक रज:स्त्राव होने पर स्त्री दुर्बल और कमजोर हो जाती है। इसका असर गर्भाशय पर भी पड़ता है, जिससे गर्भाशय कमजोर हो, गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाता है। मन्दाग्नि हो जाती है, भूख नहीं लगती तथा हाथ, पाँव एवं नेत्रों (आँखों) में जलन होने लगती हैं ऐसी स्थिती में बोलबद्ध रस के उपयोग से बहुत शीघ्र लाभ होता है, क्योंकि यह दवा रक्त को बन्द करने वाली डंडी है। गर्भाशय को बलवान कर गर्भधारण शक्ति प्रदान करती है। ( और पढ़ेरक्तप्रदर को दूर करेंगे यह 77 रामबाण घरेलू उपचार  )

2-कभी-कभी खाने-पीने में गड़बड़ी हो जाने से पाचक पित्त कमजोर हो जाता है,फलस्वरूप अन्नादि का पाचन ठीक से नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में किसी-किसी स्त्री को वातप्रकोप के कारण प्रदर में वृद्धि हो, सर्वांग में दर्द होना, अतिसार (पतले दस्त आना), पेट फूल जाना आदि लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे समय में बोलबद्ध रस के सेवन से फायदा होता है। साथ में भास्कर चूर्ण शंख भस्म के साथ मिला, खाना खाने के बाद गर्म जल के साथ देते रहने से प्रकुपित वायु का शमन होकर पाचनक्रिया ठीक से होने लगती है। ( और पढ़ेपेट का फूलना रोग का घरेलु उपचार)

3-कफ-प्रकोप के कारण कास और श्वास की गति में वृद्धि हो गयी हो और साथ ही गर्भाशय की कमजोरी या शिथिलता की वजह से श्वेत प्रदर की शिकायत हो, तो ऐसी हालत में बोलबद्ध रस को त्रिवंग भस्म के साथ मिलाकर उपयोग करने से संचित कफ दूर हो जाता है तथा श्वेत प्रदर की भी शिकायत नष्ट हो गर्भाशय बलवान हो जाता है। इस रसायन का प्रभाव मूत्रेन्द्रिय, पचनेन्द्रिय और रस-रक्तादिनीं के विकारों पर विशेष होता है। ( और पढ़ेकैसी भी खांसी और कफ हो दूर करेंगे यह 11 रामबाण घरेलु उपचार)

4-खूनी बवासीर में प्रवालचन्द्रपुटी के साथ मिला, आयापान के रस २ तोला के साथ देने से अच्छा लाभ होता है।

5-रक्तपित्त में मोती सीप पिष्टी के साथ मिला वासास्वरस और मधु के साथ देने से उत्तम लाभ होता है।

6- बोल बद्ध रस शीतवीर्य और रक्त स्तम्भक है।

7-यह रक्तवाहिनियों और गर्भाशय को संकुचित व बलवान करता है।

8-यह गर्भाशय, मूत्रेन्द्रिय, पाचन अंग, रस, रक्त और वात कफात्मक रोगों तथा शरीर में किसी भाग में सड़न का शमन करता है।

9- प्रसव के पश्चात या मासिक धर्म के दिनों में अधिक रक्तस्राव होने व श्वेत प्रदर में बोलबद्ध रस अच्छा लाभ करता है अतः यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी योग है।

10- गर्भाशय की शिथिलता और निर्बलता को दूर कर इसके अन्य विकार भी यह रस नष्ट करता है।

11-इसके घटक द्रव्य बीजा बोल का प्रभाव मूत्रेन्द्रिय की श्लैष्मिक कला पर होता है अतः मूत्र में जलन होना, मूत्र का रंग लाल या पीला होना आदि लक्षणों में यह उत्तम लाभ देता है।

12-प्रौढ़ावस्था में मासिक धर्म की अधिकता और रजोनिवृत्ति (Menopause) के कारण होने वाले उपद्रव शान्त करने में यह योग गुणकारी है।

13-पुरुषों में प्रमेह खासकर कफज प्रमेह विकारों का शमन करने में बोलबद्ध रस अच्छा काम करता है।

बोलबद्ध रस के नुकसान : Bolbaddha Ras Side Effects in Hindi

Bolbaddha Ras ke Nuksan
1-बोलबद्ध रस को डॉक्टर की सलाह के अनुसार सटीक खुराक समय की सीमित अवधि के लिए लें ।
2-बोलबद्ध रस लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें ।

नोट :- बोलबद्ध रस दवा इसी नाम से बना बनाया बाज़ार में मिलता है।

Leave a Comment

error: Alert: Content selection is disabled!!
Share to...