आनंद प्राप्ति कि कुंजी ( Pujya Asaram Bapu Ji )
सुख बाँटने की वस्तु है, रखने की नहीं। जो प्राणी सुखको रखने का प्रयत्न करता है, उससे सुख छिन जाता है, मिलता कुछ नहीं। और जो प्राणी सुख बाँट देता है, उसको आनन्द मिल जाता …
सुख बाँटने की वस्तु है, रखने की नहीं। जो प्राणी सुखको रखने का प्रयत्न करता है, उससे सुख छिन जाता है, मिलता कुछ नहीं। और जो प्राणी सुख बाँट देता है, उसको आनन्द मिल जाता …
बड़े से बड़ा, सबल से सबल व्यक्ति, वर्ग तथा समाज उस समय तक हमें असमर्थ नहीं बना सकता, जबतक हम मिले हुए बलका दुरुपयोग तथा विवेकका अनादर नहीं करते। – Pujya Sant Shri Asaram Bapu Ji