हरी पत्तेदार सब्जियों के फायदे और स्वास्थ्य लाभ : Benefits of Green Leafy Vegetables in Hindi

Last Updated on February 3, 2024 by admin

निरोगी स्वस्थ बनाये हरी पत्तेदार सब्जियां :

हरी पत्तियों वाली सब्जियां स्वास्थ्य का अनमोल खजाना है। इनके नियमित सेवन से प्राणी सदा निरोग रहता है तथा शतायु होता है। क्योंकि इन सब्जियों में प्रकृति ने नाना प्रकार के मूल तत्वों का समन्वय किया है। ( और पढ़े – पत्तेदार शाक खायें, शरीर को स्वस्थ व निरोगी बनायें)

पालक के फायदे और औषधीय गुण : health benefits of palak in hindi

पत्तियों की सब्जियों में पालक सबसे ज्यादा उपयोगी तथा सबसे ज्यादा प्रचलित सब्जी है। पालक में चूना, सोडियम, क्लोरिन, फास्फोरस, लोहा, विटामिन ए, बी, सी, ई, प्रोटीन आदि तत्व पाए जाते हैं। जिससे पालक के औषधीय गुणों का अनुमान लगाया जा सकता है।
पालक रक्त विकार में गुणकारी है। रक्त की कमी को दूर करने में सहायक है तथा शरीर को बल प्रदान करता है।
पालक के सेवन से निम्नलिखित फायदे भी होते हैं –

  • पालक को कच्चा चबाने से पायरिया रोग में लाभ होता है।
  • कच्चे पालक का रस प्रात: पीते रहने से कब्ज कुछ दिनों में ठीक हो जाती है।
  • पालक का रस शहद में मिलाकर देने से मूत्रकृच्छ तथा पथरी की यह अचूक औषधि बन जाती है।
  • गला बैठने पर पालक के पत्तों का रस निकाल कर गरारे करने से बैठा हुआ गला खुल जाता है।
  • पालक के पत्तों का रस शीतल प्रभाव रखने के कारण सभी प्रकार के ज्वर, फेफड़ों और आंतों की सूजन में लाभप्रद सिद्ध होता है।
  • बच्चों को नियमित पालक की सब्जी खिलाने से उनके शरीर की हड्डियों का विकास होता है।
  • पालक में ‘बीटा केरोटिन’ नामक विटामिन पाया जाता है, जो आंखों की रोशनी में वृद्धि करता है।
  • इसके सेवन से हमारे शरीर में हिमोग्लोबीन (रक्त कोशाणु) अच्छी तरह से विकसित होते हैं।
  • इसके सेवन से बाल भी काले होते हैं। क्योंकि इसमें कैल्शियम और लोहा प्रचुर मात्रा में है।
  • जो महिलाएं शिशु को स्तनपान कराती हैं, उन्हें सुबह-शाम के भोजन में 600 ग्राम पालक सब्जी या सलाद के रूप में सेवन करना चाहिए।
  • लाल टमाटर एवं पालक की सब्जी खाने से चेहरे पर लाली बढ़ती है।
  • मधुमेह के रोगियों के लिए तो यह एक पाचक एवं उत्तम भोजन है । मधुमेह से ग्रस्त रोगियों को इसका रस भी पीना चाहिए।
  • इसकी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट भी पाया जाता है जो शरीरको मोटा नहीं होने देता।
  • इसके सेवन से गर्भवती महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी भी दूर होती है।

पालक सूप के फायदे : health benefits of palak soup in hindi

  • पालक का जूस पाचन शक्ति को बढ़ाता है। पेट की गैस, जलन, कब्जीयत को दूर करता है।
  • पालक का सूप शरीर में रक्त को बढ़ाता है।
  • इस सूप में आयरन व कैल्शियम होता है जो शरीर में खून की मात्रा बढ़ाता है।
  • इससे लीवर के रोगों में भी लाभ होता है और आंतों की सफाई होती है।

पालक सूप बनाने के लिए इसमें टमाटर व नमक डालकर उबाल लें। लेकिन पानी ज्यादा न डालें, क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से पानी होता है। आप चाहें तो इसमें पत्तागोभी और लौकी भी डाल सकते हैं। इससे सूपमें फाइबर की मात्रा बढ़ जाएगी।

मेथी के फायदे और औषधीय गुण : health benefits of methi in hindi

  • मेथी की पत्तियों तथा दानों में प्रोटीन, वसा, खनिज, विटामिन, थायमिन और टिवोप लेबिन जैसे स्वास्थ्यवर्द्धक तत्व भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
  • मेथी की सब्जी मुख्य रूप से उदर संबंधी रोगों एसिडिटी, अपच, कब्ज, गैस, दस्त, पेटदर्द आदि में बहुत ही गुणकारी सिद्ध होती है।
  • मेथी का एक और गुण यह है कि वह प्लेटलेट्स के एकत्रीकरण को होने से रोकता है। जिसके कारण असामान्य रूप से रक्त के थक्के नहीं जमते और हृदयाघात का खतरा घट जाता है।
  • शुष्क और गर्म प्रकृति की होने के कारण मेथी वायु, वात एवं गठिया रोग में विशेष उपयोगी है। वायु एवं वात रोग में मेथी की सब्जी बहुत ही लाभदायक है।
  • मेथी के पत्तों को घी में तलकर खाने से आमातिसार मिटता है। आमातिसार में मेथी के पत्तों का रस 60 ग्राम और शकर 6 ग्राम मिलाकर पीना चाहिए या मेथी का चूर्ण दही में मिलाकर खाना चाहिए।
  • मेथी के पत्तों की पुल्टिस बांधने से चोट की सूजन मिटती है।
  • मेथी का प्रतिदिन सब्जी के रूप में सेवन करने से वायु, कफ, बवासीर में लाभ होता है।
  • 100 मिलीलीटर रस प्रतिदिन पीने से मधुमेह रोग में भी बहुत फायदा होता है। ( और पढ़े – मेथी के अदभुत 124 औषधीय प्रयोग)

बथुआ के फायदे और औषधीय गुण : health benefits of bathua in hindi

बथुआ कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। डॉक्टरों के मुताबिक बथुआ को खाने में किसी न किसी रूप में शामिल जरूर करना चाहिए । यह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके साग को नियमित खाने से कई रोगों को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

बथुआ के गुण:

  • कच्चे बथुआ के एक कप रस में थोड़ा सा नमक मिलाकर प्रतिदिन लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  • गुर्दा, मूत्राशय और पेशाब के रोगों में बथुआ का रस पीने से काफी लाभ मिलता है।
  • बथुआ को उबाल कर इसके रस में नींबू, नमक और जीरा मिलाकर पीने से पेशाब में जलन और दर्द नहीं होता।
  • सफेद दाग, दाद, खुजली, फोड़े और चर्म रोगों में बथुआ को प्रतिदिन उबाल कर इसका रस पीना चाहिए।
  • बथुआ का रस, मलेरिया, बुखार और कालाजार संक्रामक रोगों में भी फायदेमंद होता है।
  • कब्ज के रोगियों को तो इसका नियमित रूप से सेवन करना चाहिए । कुछ हफ्तों तक नियमित रूप से खाने से कब्ज की समस्या समाप्त हो जाती है।
  • बथुआ का साग बनाकर मिर्च-मसाले रहित प्रयोग करने से दो सप्ताह में संग्रहणी तिल्ली के रोगी को अवश्य लाभ होगा।
  • जिसका कब्ज़ किसी औषधि से न जाता हो वह बथुआ का रस एक पाव निकालकर 3 दिन तक सायं 4 बजे पी ले तो कब्ज दूर हो जाएगी।
  • बथुए का पानी लीवर रोग में भी फायदा पहुंचाता है।
  • बथुए के नियमित सेवन से बवासीर दूर होने में भी मदद मिलती है।
  • बथुए के जूस में थोड़ा नमक मिलाकर बच्चे को देने से पेट के कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं।
  • बथुए की पत्तियों को उबाल कर उस पानी से बाल धोएं तो जुएं मर जायेंगी तथा बाल साफ हो जाएंगे।
  • बथुए के नियमित सेवन से किडनी समस्याएं ठीक होती हैं, पथरी नहीं बनती है तथा पेशाब खुलकर आता है।
  • उदर में कृमि होने पर बथुआ का साग खाने से कृमि नष्ट हो जाती है और पाचन क्रिया सुचारू हो जाती है।
  • दो-तीन माह तक ताजे बथुए का जूस दो चम्मच पीने से जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है।
  • चना, मूंग की दालों के साथ बथुआ का सब्जी में, बथुआ का रायता आदि में भी प्रयोग किया जाता है। ( और पढ़े – बथुआ खाने के 35 बड़े लाभ)

चौलाई के फायदे और औषधीय गुण : health benefits of Chaulai Saag in hindi

  • चौलाई मधुर, शीतल, रुचिकर, अग्नि प्रदीपक होती है। इसमें विपुल मात्रा में लौह तत्व उपस्थित रहते हैं। चौलाई की पत्तियां हरे रंग व हल्के लाल रंग की होती है।
  • कब्ज की शिकायत में चौलाई का साग खाने से दस्त साफ एवं खुलकर आता है।
  • यदि मूत्राशय में पथरी के कारण दर्द हो रहा हो तो 5 मिली चौलाई का रस दिन में दो-तीन बार लेने से दर्द रुक जाता है तथा पथरी भी गलकर बाहर आने की संभावना रहता है।
  • श्वेत प्रदर में चौलाई की जड़ रसौंत, तवाखीर, पांच ग्राम चावलों के धोवन के साथ पीने से लाभ होगा।
  • प्रदर में चौलाई का रस दस ग्राम, रसौत एक ग्राम और शहद दस ग्राम मिलाकर पीने से एक सप्ताह में लाभ होगा।

पत्ता गोभी के फायदे और औषधीय गुण : health benefits of patta gobhi in hindi

  • सर्दी के मौसम में पत्तागोभी की सब्जी भारत में प्रत्येक क्षेत्र में उपलब्ध होती है। इसके प्रयोग से जोड़ों की पीड़ा, मस्तिष्क निर्बलता, दंत रोग, रक्त विकार, अजीर्ण, पांडु रोग, आंखों की निर्बलता में फायदा होता है।
  • पत्तागोभी में विटामिन सी की मात्रा अधिक होने के कारण इसका अधिक महत्व है।
  • पत्ता गोभी के पत्तों में लौह तत्व की मात्रा भी अधिक होती है। लौह तत्व शरीर में तुरंत शोषित होकर घुल-मिल जाता है जिससे पांडु रोग में भी विशेष लाभ होता है। एक कप की मात्रा में इसका नियमित रस लेने से पांडु रोग की बीमारी शीघ्र दूर हो जाती है।
  • इसमें एक ऐसा रसायन है। जिसमें स्तन कैंसर पैदा करने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा घटाने की क्षमता होती है।
  • पत्ता गोभी में सेल्युलोस नामक तत्व होता है, जो मानव को स्वस्थ रखने में सहायक है। यह तत्व शरीर से कोलेस्ट्रोल की मात्रा को दूर करता है।
  • मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है।
  • यह खांसी, पित्त, रक्त विकार व कुष्ठ रोग में लाभकारी है।
  • इसका सेवन शरीर को जल्दी बूढ़ा नहीं होने देता।
  • पेट व आंत के अल्सर, उदर वायु, अमाशय या यकृत के रोगियों के लिए पत्तागोभी का सेवन वरदान सिद्ध होता है।
  • भूख बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किसी टॉनिक से कम नहीं है। यह पाचक क्रिया को नियंत्रित रखता है व शरीरको रोगों से बचाने में सहायक सिद्ध होता है।

धनिया के फायदे और औषधीय गुण : health benefits of hara dhaniya in hindi

  • हरे धनिये को बारीक काटकर दाल एवं अन्य सब्जियों में डालने से पदार्थ सुगंधित एवं रुचिकर बनते हैं। चटनी बनाकर भी इसका उपयोग किया जाता है। परंतु इसका रस पीने से विशेष लाभ होता है।
  • हरे धनिया में प्रजीवक ‘ए’ होने से पेट व आंखों के लिए यह विशेष लाभदायक है।
  • धनिये की चटनी मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करती है। ( और पढ़े –धन‍िया के 72 जबरदस्त फायदे )

पोदीना के फायदे और औषधीय गुण : health benefits of pudina in hindi

  • पुदीने में विटामिन ए, बी, सी, डी और ई के अतिरिक्त लोहा, फास्फोरस और कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गर्मी में पोदीने का प्रयोग बहुत ही हितकारी होता है।
  • पोदीने को बारीक पीसकर इसकी चटनी का सेवन करने से अपच, अजीर्ण, अरुचि तथा मंदाग्नि आदि रोगों में फायदा होता है।
  • वमन में पोदीना नींबू के रस के साथ लेना चाहिए। हैजे में प्याज़, नींबू तथा पोदीना का रस मिलाकर देने से लाभ होता है।
  • उल्टी, दस्त, हैजा हो तो आधा कप पोदीने का रस हर दो घंटे में पिलाने से आराम मिलता है।
  • भारतीय रसोई में पुदीने का इस्तेमाल कई रूपों में किया जाता है।ताजे दही के साथ रायता बनाने की बात हो या चटनी, इसकी खुशबू आपको ज़रूर अपनी ओर खींच लाएगी। ताजा या सूखा दोनों तरह से पुदीने से बहुत तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं, जिसमें कैरी पानी, गर्म या ठंडा सूप, चटनी, सलाद, जूस आदि मुख्य हैं।
  • सलाद का स्वाद बढ़ाने के लिए भीपुदीने का इस्तेमाल किया जाता है।
  • मासिक धर्म न आने पर या कम होने पर पुदीना के काढ़े में गुड़ एवं चुटकी भर हींग डालकर पीने से लाभ होता है।
  • इससे कमर की पीड़ा में भी आराम होता है।
  • पुदीना के रस में नींबू रस मिलाकर लगाने से दाद मिट जाता है।
  • पुदीना एवं तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम लेने से अथवा पुदीना एवं अदरक का रस एक-एक चम्मच सुबह-शाम लेने से मलेरिया बुखार में काफी फायदा होता है।
  • यदि घर के चारों और पुदीने के तेल का छिड़काव कर दिया जाए तो मक्खी, मच्छर आदि भाग जाते हैं।

चने एवं सरसों के पत्तों की सब्जी : health benefits of sarso saag in hindi

राजस्थान में चने के हरे पत्तों (डीरा) तथा पंजाब में सरसों के पत्तों की सब्जी का भी बहुत प्रचलन है। यह सब्जियां मौसमी सब्जियां हैं, क्योंकि यह फसलों के समय ही उपलब्ध होती हैं। इनका सेवन भी आरोग्य प्रदायक है।

बच्चों को हरी सब्जियां खिलाना ज़रूरी है :

पत्ते वाली हरी सब्जियों का प्रयोग बच्चे के स्वास्थ्य एवं विकास के लिए बहुत आवश्यक है। प्रायः बच्चे पत्तों वाली सब्जियां खाना पसंद नहीं करते हैं। उन्हें ज्यादातर आलू, भिंडी, ककड़ी, प्याज़ आदि की सब्जियां ही उनके टिफिन में माताएं देती हैं जिससे उनकी रुचि इन्हीं सब्जियों के खाने की हो जाती हैं। विभिन्न प्रकार के शोध से यह प्रमाणित हो गया है कि बच्चों के विकास में हरी सब्जियों तथा फल आदि की विशेष आवश्यकता होती है। हरी सब्जियों का सेवन नहीं करने से बच्चों में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है। जिससे उनकी हड्डियां कमजोर होती हैं तथा लंबाई भी अधिक नहीं बढ़ती। अत: बच्चों को बचपन से ही सब्जियां खाने की आदत डालना स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है।

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