दुबलापन दूर करने के 14 सबसे असरकारक उपाय | Dublapan Dur karne ke Upay

Last Updated on October 24, 2019 by admin

शरीर की कमजोरी ,दुबलापन का कारण व उपचार : Kamjori Dublapan ka Ayurvedic Upchaar

★ कोई भी दुबली-पतली, लम्बी, सुडौल शरीर वाली लड़की किसी के भी आकर्षण का केन्द्र बन सकती है। लेकिन दुबली-पतली लड़की का मतलब यह नहीं है कि उसके शरीर की हडि्डयां दिखाई दें, गाल अन्दर की ओर घुसे हुए हों, आंखों के आस-पास काले घेरे पड़े हों और स्तन बिल्कुल भी न पता चले। ये अच्छे शरीर की नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है।

★ बेशक शरीर मोटा न हो पर ऐसा सुडौल और मजबूत तो होना चाहिए कि कोई देखे तो देखते रहे। आजकल के समय में अच्छा फिगर बनाने के लिये लड़कियां किशोरावस्था में ही बहुत जागरूक रहती है जिसके लिये वो डाइटिंग को बहुत अच्छा मानती है इसलिये वे कई बार भूखा रहने और व्यायाम करने से भी पीछे नहीं हटती।

दुबलेपन और कमजोरी में फर्क : Dublapan aur kamjori me Antar

★ कई लोग शुरू से ही या अनुवांशिक कारणों से दुबले पतले होते हैं। वे चाहे कितना भी खा पी लें उनकी कद काठी ऐसी ही होती है कि उन्हें कुछ खाया-पिया लगता ही नहीं। ऐसे लोग जरूरी नहीं कि कमजोर ही कहलाये जाए वे किसी मोटे इन्सान से भी भारी काम कर सकते हैं।

★ ऐसे ही कई लोग दिखने में तो बहुत मोटे होते हैं पर जब उनसे कुछ भारी सामान उठाने को या कुछ दूर पैदल चलने को कहो तो वे ये नहीं कर पाते तो ऐसे लोगों को हम स्वस्थ कैसे कह सकते हैं।

★ कुछ लोग सोचते हैं कि कमजोरी खून की कमी या `एनीमिया´ के कारण ही होती है पर ऐसा नहीं है कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं और दुबलेपन के भी।

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दुबलेपन के कारण : Dublapan(Patlapan) ka karan

1. कभी-कभी दुबलापन (Dublapan/Patlapan) वंशानुगत या खानदान के बाकी लोगों के शरीर के हिसाब से ही होता है। इस दुबलेपन को कमजोरी नहीं कहा जा सकता।

2. अक्सर सयुंक्त घरों की महिलाओं के ऊपर पूरे घर की जिम्मेदारी होती है। वह सारे घर को खाना खिलाने के बाद बचा खुचा खाना खाने में ही अपना सौभाग्य मानती है लेकिन यह भोजन और उसके अपने शरीर के प्रति बहुत ही बड़ी लापरवाही है। इसको हम लापरवाही के साथ-साथ नासमझी भी कह सकते हैं। वे ये नहीं जानती कि हमें क्या खाना चाहिए और कितना खाना चाहिए। जिसके कारण वे अक्सर कमजोर हो जाती है। कभी-कभी स्त्रियाँ अत्यधिक व्रत रखने के कारण और बहुत सी मोटी हो जाने के डर से कम ही खाती है।

3. बहुत सी स्त्रियां अक्सर दूसरों को देखकर मन ही मन जलती-कुढ़ती रहती है और चिड़चिडी होकर अन्दर ही अन्दर अपना खून जलाती रहती है जिससे उनकी भूख-प्यास कम हो जाती है। इसके कारण वे बहुत ज्यादा दुबली-पतली हो जाती है।

4. बहुत से लोग होते हैं जो दिन-रात काम में लगे रहते हैं जिसकी वजह से वे अपने खाने-पीने की तरफ ध्यान नहीं देते हैं और ज्यादा मेहनत करने की वजह से दुबले-पतले रह जाते हैं। मेहनत अपने शरीर और ताकत के हिसाब से ही करनी चाहिए। मेहनत करने के साथ-साथ शरीर को आराम देना भी जरूरी है जिसके लिये आवश्यक है पूरी नींद लेना।

5. अक्सर गांवों में या शहरों में भी लड़कियों की छोटी उम्र में ही शादी कर दी जाती है जिसकी वजह से छोटी उम्र में ही मां बनने या ज्यादा संसार व्यवहार करने से उनका शरीर पूरी तरह से पनप नहीं पाता और वे दुबली-पतली रह जाती है।

6. कभी-कभी स्त्रियों को कोई ऐसा रोग हो जाता है जो वे चाहकर भी किसी को बताने में शर्माती है या उसके प्रति लापरवाही करती है। ऐसे रोगों मे शुरू में तो कोई परेशानी नहीं होती लेकिन रोग पुराने हो जाने पर इन्हे ठीक करवाने में बहुत परेशानी होती है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आप कुछ दिन पहले ठीक थी और अचानक आपका शरीर कमजोर होता जा रहा है तो तुरन्त डॉक्टर के पास जाएं।

7. कई बार हम भोजन तो सही और पौष्टिक लेते हैं पर कुछ ऐसा नहीं करते कि जिससे कि भोजन सही तरीके से पच जाये। इसकी वजह से शरीर में दुबलापन रह जाता है। कुछ लोग सोचते हैं कि दुबले लोगों को व्यायाम करने की जरूरत नहीं रहती। दुबली स्त्रियों को भी जब तक पौष्टिक भोजन का लाभ नहीं मिल सकता जब तक कि वे इसके साथ में पूरा आराम और व्यायाम न करें।

दुबलेपन तथा कमजोरी को दूर करने के सबसे असरकारक उपाय : Dublapan dur karne ke Gharelu Ayurvedic Nuskhe

☛ भोजन में हमेशा दूध, दही, फल-सब्जी, हरे पत्तों वाली सब्जियां, दालें, दलिया, मक्खन खाने चाहिए। मांस, मछली या अण्डा की जगह मेवे, मूंगफली, पनीर या अंकुरित दालों का उपयोग करना चाहिए । घी, मलाई खाना भी आपके लिये सही है खासतौर पर तब जब कि आपकी त्वचा रूखी हो। बस इतनी बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पौष्टिक भोजन को पचाने के साथ में हल्का व्यायाम करना भी बहुत जरूरी है।

☛ ज्यादा समय तक भूखा नहीं रहना चाहिए जब भी भूख लगे कुछ न कुछ खा लेना चाहिए। अगर कभी-कभी 1-2 व्रत रख लिए जाए तो शरीर के लिये अच्छा है पर ज्यादा व्रत रखना नुकसानदायक हो सकता है। अगर आपको भूख कम लगती हो तो रोजाना मट्ठा (लस्सी) पीने से भूख बढ़ने लगती है।

☛ रोजाना भोजन के बाद केला खाना चाहिए।

☛ दूध मे शहद डालकर पीना लाभकारी होता है।

☛ दूध और दलिये में थोड़े से मेवे डालकर खाने चाहिए।

☛ दूध के साथ खजूर खाना भी अच्छा होता है।

☛ दूध में कच्चे नारियल की खीर बनाकर खानी चाहिए।

☛ दूध के साथ अश्वगंधा पाक लेना चाहिए।

☛ थोड़ी सी मूंगफली रोजाना खाना लाभकारी होता है।

☛ रोजाना भोजन में मक्खन और घी खाना चाहिए।

☛ रोजाना सुबह खुली और ताजी हवा में घूमना चाहिए। लंबी-लंबी सांस लेकर फेफड़ों में खूब हवा भर लें और फिर निकाल दें। पूरे दिन में पानी भी खूब पीना चाहिए।

☛ किसी भी व्यक्ति से जलने या नफरत करने की आदत छोड़ देनी चाहिए। हमेशा खुश रहिये और दूसरों को भी खुश कीजिए।

☛ नींद पूरी लेनी चाहिए। 6 से 8 घंटे जरूर सोना चाहिए।

☛ अगर पेट में कब्ज (पेट में गैस) या अपच (भोजन का ना पचना), हो तो उसका इलाज कराना चाहिए। अगर लगे कि शरीर में कोई रोग है तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। अगर किसी रोग की वजह से शरीर में कमजोरी हो तो अच्युताय हरिओम बल्य रसायन का सेवन करें।

 

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