मेंहदी (हिना) के 18 लाजवाब फायदे व औषधीय प्रयोग – Mehndi (henna) ke Fayde

Last Updated on March 11, 2022 by admin

मेंहदी : Mehndi in Hindi

मेंहदी (Heena) इसका लेटिन नाम-लांसोनिया आल्बा (Lawsonia Alba) है। इसे प्रायः स्त्रियाँ सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में हथेलियों में लगाकर सजती-संवरती हैं।

मेहंदी के औषधीय गुण : mehndi (henna) ke aushadhi gun

  • मेहंदी मूत्रवर्धक होती हैं।
  • मेहंदी दर्द को कम करती हैं तथा शरीर के विजातीय द्रव्य को बाहर निकलती हैं ।
  • मेहंदी कब्ज के इलाज में भी लाभदायक है।
  • हैमरेज ,छाले, अल्सर, चोट, बुखार,और आधा सीसी के दर्द से भी मेहंदी छुटकारा दिलाती हैं।

मेंहदी (हिना) के फायदे : mehndi (henna) ke fayde

1. गठिया मेहदी का स्वरस और तिल का तैल 20-20 तोला लेकर परिपाक करलें। जब रस जलकर तेल मात्र शेष रह जाए तब इसे छानकर सुरक्षित रखलें । इस तैल की मालिश करने से सन्धिवात (गठिया) पीड़ा में नि:सन्देह लाभ होता है।   ( और पढ़े –गठिया वात रोग के 13 रामबाण घरेलु उपचार )

2. सीसी दर्द – मेहन्दी के पत्तों को खूब बारीक पीसकर मस्तक पर लेप लगाने से आधा सीसी का दर्द थम जाता है ।

3. एक्जिमा – मेहन्दी के पत्तों का रस दो तोला नित्य सबेरे मधु के साथ मिलाकर पीने से (40 दिन में) क्षुद्र कुष्ठ, चर्म रोग, एक्जिमा के कष्ट शान्त हो जाते हैं तथा रक्त शुद्ध हो जाता है ।

4. दाँत के रोग – मेहन्दी के पत्तों के काढ़े से कुल्ला करने से दाँत और मसूढ़ों के रोग शान्त हो जाते हैं । मुख के छाले भी मिट जाते हैं। इससे व्रण धोना भी लाभप्रद है ।  ( और पढ़े –मुह के छाले दूर करने के 101 घरेलु उपचार )

5. गांठ – मेहन्दी के पत्तों को पीसकर ग्रन्थिशोथ व्रणशोथ (अपक्व) पर बांधने से वह बिना पके ही बैठ जाते हैं ।

mehndi (henna) ke aushadhi gun

6. दाग –  मेहन्दी और साबुन सममात्रा में ले पीसकर लगाने से शरीर के काले दाग अवश्य मिट जाते हैं।

7. मुँह में छाले – 50 ग्राम मेंहदी को 2 गिलास पानी में भिगोकर उस पानी से कुल्ले करने से मुंह के छाले मिटते हैं। अथवा इसके पत्तों को मुँह में रखकर चबाने से भी मुँह के छाले मिटते हैं। | फोड़े-फुन्सी-मेंहदी को उबालकर उसके पानी से पीड़ित भाग को धोने से फोड़े-फुन्सी में लाभ होता है।

8. मसूढ़ों के रोग – मसूढ़ों के ऐसे असाध्य रोग जो दूसरी औषधियों से न मिटते हों मेंहदी के पत्तों के उबले हुए पानी से कुल्ला करने से मिट जाते हैं।

9. पैरों के तलवों की जलन –गर्मी के दिनों में जिन लोगों के पैरों के तलुवों में निरन्तर जलन होती हो, पैरों में मेंहदी लगाना लाभकारी है। ( और पढ़े – हाथ व पैरों के तलवे मे जलन के  11 घरेलु उपचार )

10. पथरी – 6 ग्राम मेंहदी के पत्तों को 500 ग्राम पानी में उबालें । जब पानी 150 ग्राम शेष रह जाए तब छानकर गर्म-गर्म यह पानी रोगी को निरन्तर 5 दिन पिलाएँ। इस प्रयोग से पथरी निकल जाती है तथा गुर्दो के रोगों में लाभ होता है।  ( और पढ़े –पथरी के सबसे असरकारक 34 घरेलु उपचार )

11. पैरों की अँगुलियाँ गलना – पैरों की अँगुलियाँ गलती हों तो सरसों का तेल लगाकर मेंहदी छिड़कें । पानी में काम करने से यदि अँगुलियाँ गल गई हों तो मेंहदी का एक भाग और इसकी आधी मात्रा हल्दी को मिलाकर नित्य 2 बार लगाने से लाभ होता है। हाथ फटने लगें, तो मेंहदी लगाएँ । घाव पर भी मेंहदी का लेप लाभ करता है। शरीर का कोई भाग यदि गलने लगे तो मेंहदी का उपयोग हितकारी है।

12. बाल काले करना – 50 ग्राम मेंहदी, आधा चम्मच कॉफी, 25 ग्राम आँवला, दूध में भिगोकर बालों में लगाएँ। 1 घण्टे के बाद पानी से सिर धोवें । यह प्रयोग सप्ताह में 2 बार करें । सफेद खिचड़ी बाल काले-सुनहरे हो जाएँगे। मेंहदी आँवला पिसा हुआ भी बाजार में मिलता है।

13. बिबाइयाँ – गर्मी में पीठ और गले पर व शरीर की नरम त्वचा पर छोटी-छोटी मरोड़ी (अलाइयाँ) होने लगती हैं। मेंहदी के लेप से एकदम उनकी जलन मिटकर लाभ हो जाता है। ( और पढ़े – फटी एड़ियों के 34 सबसे असरकारक घरेलु उपचार)

14. मिर्गी – 2 कप दूध में चौथाई कप मेंहदी के पत्तों को रस मिलाकर देने से रोगी को लाभ होता है। यह प्रयोग प्रतिदिन प्रातः खाना खाने से 2 घण्टे बाद कुछ सप्ताह तक निरन्तर करें ।

15. थकान-रेस करने वाले युवक, क्रिकेट आदि खेल खेलने वाले प्लेयर यदि पैरों के तलुवों पर मेंहदी लगाएँ तो उन्हें थकान भी कम होती है और शीतलता रहती है।

16. दिमागी ठंडक – मेंहदी प्रयोग से दिमाग ठण्डा और शान्त रहता है। उच्च रक्तचाप रोग से ग्रसित रोगियों को पैरों के तलवों और हथेलियों पर मेंहदी का लेप समय-समय पर करने से आराम मिलता है।

17. शरीर की गर्मी – मेंहदी लगाने से शरीर की बढ़ी हुई गर्मी बाहर निकलती है। तन-मन में ठण्डक महसूस होती है, और गर्मी बाहर को निकलती रहती है। मेंहदी के फूल शरीर की बढ़ी गर्मी हैं समाप्त करते हैं।

18. एलर्जी – रात के समय मेंहदी को स्वच्छ पानी में भिगो दें, और सवेरे के समय पानी निथार कर पिएँ । इस प्रयोग से शीतलता के साथ रक्त की सफाई भी होगी । एलर्जी वाले रोगियों के लिए यह बड़ी ही गुणकारी चिकित्सा है। ऐसे पानी का सेवन करने से शरीर के विजातीय द्रव्य बाहर निकलते हैं । रक्त में शीतलता बनाए रखने के लिए और त्वचा रोगों से सुरक्षा हेतु मेंहदी का पानी पीएँ और मेंहदी का ग्रीष्म ऋतु में उपयोग करें।

मेंहदी के नुकसान : mehndi (henna) ke nuksan

  • बाजार में उपलब्द लगाई जाने वाली मेहंदी का औषधीय उपयोग ना करें । इसमें कई तरह के खतनाक रसायन मिले होते है ।
  • बाजारों में लगाई जाने वाली मेहंदी में खतनाक रसायन पीपीडी और डायमीन मौजूद होते हैं, जो आपकी त्वचा को कई प्रकार रोग दे सकता है जैसे त्वचा में खुजली, जलन, सूजन आदी । इन रसायनों का उपयोग मेहंदी में रंग गाढ़ा हो इसके लिए किया जाता है ।

(अस्वीकरण : दवा ,उपाय व नुस्खों को वैद्यकीय सलाहनुसार उपयोग करें)

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